भारत के एक नागरिक द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र : निराशा
प्रिय प्रधानमंत्री,
हम आप जैसे व्यक्ति के लायक नहीं है। देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को आपके काम की कद्र नहीं है। एक तरफ आप इस देश की भलाई के लिए अपनी नींद त्याग .. एक दिन में अधिक से अधिक 16 घंटे के लिए काम करते हैं .. लेकिन आपको उसके लिए प्रशंसा कभी प्राप्त नहीं होगी। आपको अभी भी छोटे मूर्ख मुद्दों के लिए दोषी ठहराया जाएगा। .. इन लोगों ने एक परिवार के हवाले 60 साल के लिए राष्ट्र को दिया लेकिन आपके काम करने के लिए 5 शांतिपूर्ण साल नहीं दे सकते हैं।
कारण ये है की देश नकली छोटे बुद्धिजीवियों, और आलसी मनुष्य से भरा है। वे 4 लोगों के अपने छोटे से परिवार चलाने के लिए सक्षम नहीं हो सकते है .. लेकिन निश्चित रूप से आपको इस देश को कैसे चलाना चाहिए इस पर सलाह देगे । वाह!
लोग आपसे बदला लेना चाहते हैं क्यूंकि को आपने हमारे प्रधानमंत्री बनके दुनिया का सबसे खतरनाक अपराध किया है।
अगर हम बिहार के परिणाम देखे तो वे 8,9 और 12 वीं कक्षा में सफल / विफल उम्मीदवारों को का अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए चुन सकती है पर एक भी ऐसा आदमी नहीं जो आपका प्रतिनिधित्तव कर रहा हो। मैं लोगों को कहते सुना है की "अगर आज चुनाव हो तो मोदी हार जाएंगे" यहां तक कि अपने प्रिय राष्ट्र की भलाई के लिए इतनी मेहनत से काम करने के बाद .. कैसे एक अपने लिए यह सब सुन सकते हैं!
वे यह स्वीकार नहीं कर प् रहे हैं की हमारा देश अब सशाक्त्त बन रहा है ,वे इस तत्थ्य को नहीं स्वीकार पा रहे की हमारे देश का विकास हो रहा है, वे ये सब नहीं चाहते उन्हें चाहिए बस तूर दाल @ 1 / – प्रति किलो और मुफ्त प्याज।
वे इस देश में भ्रष्टाचार के आदी रहे हैं और वे देश के धीमी गति से और सकारात्मक माध्यम से किये जा रहा है बदलाव को पचा नहीं कर सकते।
मैं दुखी हूँ, लेकिन यकीन है कि .2019 में आप को देखने के लिए सक्षम नहीं होंगे क्यूंकि . इस देश को चलाने के लिए कोई पप्पू जी का चुनाव करेंगे, जो की एक मैराथन में भी नहीं चल पाया।
हम अपने इतिहास से यह पता चलता है।जो व्यक्ति लोगों को मुफ्त में दाल चावल और आलू प्रदान करता है वे उसी के गुलाम बन जाते हैं
कोई भी बदलना नहीं चाहता है .. लेकिन हर कोई एक परिवर्तन चाहता है। लोग जिनके हाथ में स्मार्टफोन है जिसमे 3g पैक भी है। महंगाई की बात करते है… !! क्या उन्हें सच में तूर दाल महंगी होने से फर्क पड़ता है…सच में !!
महोदय, आप दुनिया के शीर्ष 10 शक्तिशाली हस्तियों में कहा गया है .. लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। क्यूंकि यहाँ ज्यादातर लोग बहरे और अंधे हैं।
आपकी कड़ी मेहनत .. प्रतिबद्धता और समर्पण का यहां कोई मूल्य नहीं है .. इस उम्र में आपको आराम करना चाहिए .. और जीवन का आनंद ले जाना चाहिए।
-----------------------------------------------------------
யாம் பெற்ற இன்பம் பெருக வையகம்பெற்றதாய்தனை மகமறந்தாலும் பிள்ளையைப் பெறுந்தாய் மறந்தாலும்
உற்ற தேகத்தை உயிர்ம றந்தாலும் உயிரை மேவிய உடல் மறந்தாலும்
கற்றநெஞ்சம் கலைமறந்தாலும் கண்கள்நின் றிமைப்பது மறந்தாலும்
நற்றவத்தவர் உள்ளிருந்தோங்கும் நமச்சிவாயத்தை நான்மற வேனே.
"புழுவாய்ப் பிறக்கினும் புண்ணியாவுன்னடி
யென்மனத்தே வழுவா திருக்க வரந்தர வேண்டும்
No comments:
Post a Comment